विवेकानंद विद्या मंदिर और सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मनाई गई विवेकानंद जयंती
कोर्रा बाबू गांव स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर स्कूल परिसर में पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ. नवीन चंद्र, राम बहादुर सिंह, कोषाध्यक्ष हरिशंकर सिंह, अध्यक्ष डॉ. बृज कुमार विश्वकर्मा, सदस्य महेंद्र जी एवं अभिभावक गंगाधर दुबे तथा अभिभावक प्रतिनिधि पम्मी देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की. अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार सिंह ने कराया. तत्पश्चात विद्यालय के बहनों द्वारा स्वागत गीत गाकर आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया. विषय प्रवेश करते हुए विद्यालय के आचार्य शिव शरण ठाकुर ने कहा कि हम स्वामी विवेकानंद की जयंती पर इसलिए पूर्व छात्रों को बुलाते हैं, ताकि यह जान सकें कि हमारे द्वारा जो संस्कार भैया बहनों को दिया गया है, कहीं वह भूल तो नहीं गए. हम स्वामी जी के आदर्शों पर चल रहे हैं कि नहीं. स्वामी जी ने कहा था कि उठो जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो. हमें हमेशा त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए. हमें अपने आप को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए. हमें मेहनत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए. हमें ज्ञान प्राप्त करने के लिए सिर को ऊंचा रखना चाहिए. लेकिन अहंकार से सिर ऊंचा नहीं करना चाहिए. मुख्य अतिथि डॉ. नवीन चंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती हम मना रहे हैं. जिन्होंने गुलामी के समय भी पूरे विश्व में भारत के ज्ञान का डंका बजाया था. पूर्व छात्रों का सम्मेलन करने का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि पूर्व छात्र जो हैं, वह वर्तमान में पढ़ रहे भैया बहनों को अपने अनुभव दे सकें. जिससे जीवन में वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें. विद्या मंदिर के छात्र ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं. अमेरिका आदि देशों में हथियार का लाइसेंस आसानी से मिल जाता है. इसीलिए वहां बच्चे बंदूक आदि लेकर विद्यालय पहुंच जाते हैं तथा विद्यार्थी और शिक्षकों को भी मार डालते हैं. उन्होंने कहा कि अब भारतीयों का सम्मान विदेशों में भी बढ़ा है. हमारा विद्यालय संस्कृति की जड़ से जुड़ा हुआ है. जिसके कारण यह भारतीय संस्कृति एवं सम्मान को बढ़ा रहा है. विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. ब्रज कुमार विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हमें विवेकानंद जी के बताये हुए रास्ते पर चलना चाहिए. उनके कथन के अनुसार लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए. लेकिन लक्ष्य आसानी से प्राप्त नहीं होता है. हमें दास बनकर नहीं, स्वामी बनकर काम करना चाहिए. जिससे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. धन्यवाद ज्ञापन राजकुमार सिंह ने दिया एवं मंच संचालन सुशील सौरभ ने किया. इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य शिवशरण ठाकुर, रविकांत पाठक, रवींद्र कुमार, मुकेश सिन्हा, सचिन पांडेय, राहुल पांडेय, पप्पू पांडेय, आनंद प्रजापति, विवेक कुमार, पिन्टू राय, रिंकी कुमारी, अर्चना सिन्हा, निखत परवीन, वीरेंद्र मिश्र एवं बहुत से पूर्व छात्र उपस्थित थे.
विवेकानंद विद्या मंदिर धरमपुर में वार्षिकोत्सव सह राष्ट्रीय युवा दिवस का हुआ आयोजन
विवेकानंद वेदांत के ज्ञाता और महान चिंतक थेः संतोष
विवेकानंद विद्या मंदिर धरमपुर में वार्षिकोत्सव सह राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन हुआ. इस अवसर पर प्रखंड प्रमुख संतोष मंडल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का कहना था कि जागो उठो और चलते रहो, जब तक कि तुम्हें सफलता न मिल जाए. उन्होंने कहा था कि भाग्य के भरोसे बैठकर सफलता नहीं मिलती, बल्कि कर्म करो. वे वेदांत के ज्ञाता, महान चिंतक, विचारक व योगी सह आध्यात्मिक गुरु थे. उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम उत्कृष्टता को प्राप्त कर सकते हैं. वहीं कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रमुख, सांसद प्रतिनिधि एमके पाठक, महेश अग्रवाल, निदेशक मुकेश कुमार साव, प्रधानाध्यापक बबलू प्रजापति, राजू यादव, मूलचंद ठाकुर, राजू रंजन सिन्हा और सोनू पांडेय समेत अन्य ने दीप प्रज्वलित कर और स्वामी विवेकानंद जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया. कार्यक्रम में डॉ. खेमलाल महतो, पर्यावरणविद, गायक सुरेंद्र प्रसाद सिंह, दिनेश खंडेलवाल समेत अन्य ने संबोधन किया. सभी ने विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, एकांकी की सराहना की. अतिथियों ने स्वामी जी की प्रखरता, ओजस्विता और सिद्धांतों के बारे में विस्तार से चर्चा किया. विवेकानंद विद्या मंदिर के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अतिथियों ने कहा कि विद्यालय परिवार यहां के बच्चों में न केवल सैद्धांतिक पढ़ाई कराता है, बल्कि व्यवहारिकता पर विशेष ध्यान देता है. इन्हीं कारणों से ये सफलता के शिखर पर भी पहुंच रहे हैं. कार्यक्रम में विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों की कलात्मक प्रस्तुति ने मन को मोहा. इनमें नेहा मंडल, अमन कुमार, बबली कुमारी, नंदिनी कुमारी, सुप्रिया ग्रुप, गायत्री कुमारी, संबल परवीन, अनन्या ग्रुप, आदित्य ग्रुप और मानवी कुमारी समेत अन्य की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये. कार्यक्रमों में भाषण, संगीत, नृत्य और एकांकी प्रमुख थे. इस मौके पर जैनुल अंसारी, शंभू साव, पिंटू साव, देव नारायण सिंह, नीतीश कुमार, मिथिलेश प्रसाद और सबिता देवी समेत अन्य लोग शामिल थे.